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यूपी पुलिस ने PFI संगठन पर कसा शिकंजा

भारत के विभिन्न राज्यों में नागरिकता संशोधन को लेकर आतंक मचा हुआ है । वहीं इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का नाम आजकल सुर्खियों में है। उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ चल रहे हिंसा में पीएफआई का नाम बहुत ही प्रचलित हुआ है। जांच के दौरान यह बात सामने आई है कि प्रदर्शन के दौरान हुई एक बड़ी हिंसा में पीएफआई की एक बड़ी भूमिका रही थी। हालांकि अब तक पीएफआई के 20 सदस्यों को गिरफ्तार भी कर लिया गया है।

क्या है (PFI) पीएफआई !

पीएफआई का मतलब पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया है, यह एक उग्र इस्लामी संगठन है। दक्षिण भारत मैं यह संगठन बहुत ही सक्रिय है। साल 2006 में पीएफआई यानी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का नाम नफरत और कट्टरवाद का शैतान वजूद में आया। तभी से देश विरोधी गतिविधियों में पीएफआई का नाम जुड़ते आ रहा है।

हालांकि पीएफआई का नाम आतंकी संगठनों से भी संबंध रखने में , दंगा करवाने में , नफरत फैलाने में और लव जिहाद जैसे करतूत मैं कुख्यात है।

यह संगठन यहीं तक सीमित नहीं है , बल्कि पीएफआई का अपना झंडा है, लिबाज है, और अपना कानून भी है।

बता दें उत्तर प्रदेश जैसे बड़े क्षेत्र में यह संगठन पिछले 6 महीने से काफी तेजी से फैला है। जहां तक पीएफआई का दावा है कि , वो एक ऐसा संगठन है जो लोगों को उनका हक दिलाता है। और जरूरत पड़ने पर लोगों के हक के लिए लड़ते है, हालांकि जब यह संगठन बना था, तब उनका मकसद पिछड़ी जात और अल्पसंख्यक लोगों की मदद करना था। वहीं अब धीरे-धीरे यह एक बड़े आतंकी संगठन में तब्दील हो गया है।

झारखंड में तो इसके गतिविधियों के चलते सरकार ने उन्हें बैन कर रखा है। पुलिस के मुताबिक यूपी हिंसा में जैसे इनका नाम सामने आया तो छानबीन के दौरान पता चला कि संगठन सोशल मीडिया पर नफरत और भड़काऊ पोस्ट फैला रहे थे। वह विरोधियों के साथ दंगा फैलाने का काम कर रहे थे। उत्तर प्रदेश पुलिस का यह भी कहना है कि, उन्हें ऐसे कई सारे दस्तावेज मिले है जो माहौल बिगाड़ने के लिए काफी है।

यूपी में शांति बनाए रखने के लिए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार पीएफआई को बैन करने की भी तैयारी कर रहे है।

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