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चंद्रयान-3 के डीबूस्टिंग के बाद, LPDC कैमरे ने बनाया चांद का Video, आप भी देखें यह अद्भुत नजारा

ई दिल्ली: चंद्रयान 3 मिशन का, चांद की तरफ बढ़ता एक-एक कदम लोगों में उत्साह बढ़ा रहा है। लोग उत्सुक है यह जानने के लिए कि अब अगला कदम क्या होगा और हमें क्या देखने को मिलेगा। ऐसे में लोगों का इंतजार खत्म करते हुए लैंडर ने पोजिशन डिटेक्शन कैमरा (IPDC) का इस्तेमाल कर चंद्रमा की अद्भुत तस्वीरें लीं है। तस्वीरों के साथ-साथ कैमरे में एक वीडियो भी बनाई गई है ।

LPDC विक्रम लैंडर के निचले हिस्से में लगा हुआ है। यह इसलिए लगाया गया है ताकि विक्रम अपने लिए लैंडिंग की सही और सपाट जगह खोज सके। इस कैमरे की मदद से यह देखा जा सकता है कि विक्रम लैंडर किसी ऊबड़-खाबड़ जगह पर लैंड तो नहीं कर रहा है। या किसी गड्ढे यानी क्रेटर में तो नहीं जा रहा है।

इस कैमरे को लैंडिंग से पहले भी ऑन किया जा सकता है, क्योंकि अभी जो तस्वीर सामने आई हैं उसे देखकर ऐसा लगता है कि फिलहाल यह ट्रायल के लिए ऑन किया गया था। ताकि तस्वीरों या वीडियो से यह पता चल सके कि वह कितना सही से काम कर रहा है। चंद्रयान-2 में भी इस सेंसर का इस्तेमाल किया गया था। वह सही काम कर रहा था।

लैंडर मॉड्यूल की डीबूस्टिंग के बाद अब उसकी स्पीड पहले से और कम हो गई है, ताकि चांद पर उसकी सफल लैंडिंग कराई जा सके। अब लैंडर मॉड्यूल धीमी स्पीड के साथ चंद्रमा के थोड़ा और करीब पहुंच गया है।

LPDC का क्या काम है?

LPDC का काम है विक्रम के लिए लैंडिंग की सही जगह खोजना। इस पेलोड के साथ लैंडर हजार्ड डिटेक्शन एंड अवॉयडेंस कैमरा (LHDAC), लेजर अल्टीमीटर (LASA), लेजर डॉपलर वेलोसिटीमीटर (LDV) और लैंडर हॉरीजोंटल वेलोसिटी कैमरा (LHVC) मिलकर काम करेंगे। ताकि लैंडर को सेफ सरफेस पर उतारा जा सके।

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