HINDI NEWS

बिज़नेस टाइकून आनंद कृष्णन का इकलौता बेटा 40,000 करोड़ की संपत्ति छोड़कर बना भिक्षुक, पढ़े पूरी कहानी

New Delhi : जिस मनुष्य ने मोह-माया से भरे इस संसार के मायाजाल को त्याग दिया अंत में उसे संतुष्टी और मोक्ष का मार्ग प्राप्त होता है। पर शायद ही कोई ऐसा पुरुषार्थ करने में सक्षम होता है। हर किसी में यह दृढ संकल्प नहीं होता कि वह आराम से परिपूर्ण और सुख-सुविधाओं को छोड़कर एकांत का रास्ता चुन सकें। ऐसी एक कहानी है आनंद कृष्ण के इकलौते बेटे वेन अज़ान सिरिपान्यो की। वेन अज़ान सिरिपान्यो एक अरबपति के बेटे हैं। उनके पिता आनंद कृष्णन की कुल संपत्ति 40,000 करोड़ रुपये (5 बिलियन डॉलर) से अधिक है।

ए.के. के नाम से जाने जाने वाले, आनंद कृष्णन एक टेलीकॉम सम्राट हैं, जो भारतीय फोन कंपनी एयरसेल के मालिक भी रह चुके हैं। ए.के. ने क्रिकेट के दिग्गज एमएस धोनी की अगुवाई वाली आईपीएल टीम चेन्नई सुपर किंग्स को स्पॉन्सर भी करते थे।

मलेशिया के सबसे अमीर व्यक्ति आनंद कृष्णन

तमिल मूल में टेलीकॉम टाइकून के घर जन्मे, वेन अज़ान सिरिपान्यो को कृष्णन के मेगा-बिलियन-डॉलर टेलीकॉम साम्राज्य का कार्यभार संभालना मानो तय था। आनंद कृष्ण के बिजनेस में टेलीकॉम, मीडिया, तेल और गैस, रियल एस्टेट और उपग्रहों में ट्रेडिंग प्रॉफिट इंक्लूड है। कुल मिलाकर कृष्णन की कम से कम 9 कंपनियों में हिस्सेदारी है। उनके द्वारा अर्जित की गई भारी संपत्ति ने उन्हें मलेशिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक बना दिया है।

सन्यास के जीवन को अपनाकर अपने भविष्य का स्वागत

आनंद कृष्णन खुद एक बौद्ध और परोपकारी व्यक्ति हैं, जो शिक्षा से लेकर मानवता के लिए कई कारणों से दान करते हैं। उनका बेटा महज 18 साल की उम्र में बौद्ध भिक्षु बन गया। हालाँकि सिरिपैन्यो के भिक्षु बनने के विषय में बहुत कुछ पब्लिकली शेयर नहीं किया गया है, लेकिन यह बताया गया है कि उन्होंने एकांतवास के दौरान “मौज-मस्ती” के लिए संन्यासी जीवन अपनाया था। आपको बता दें अब उनका यह टेंपरेरी मौज-मस्ती परमानेंट लाइफ में चेंज हो चुका है। अब उन्होंने सन्यास के जीवन को अपनाकर अपने भविष्य का स्वागत किया है। अपने पिता के करोड़ों रुपये के साम्राज्य को चलाने के बजाय, सिरीपान्यो ने भिक्षा मांगकर सादगी से जीवन जीने का फैसला किया।

2 दशक से अधिक समय हो गया है जब सिरीपान्यो ने विरासत में मिली सभी संपत्ति को त्याग दिया और एक भिक्षु के रूप में जंगल में रहना चुना। वह थाईलैंड के दताओ दम मठ के मठाधीश हैं। यह भी दावा किया गया है कि भिक्षु अपनी मां की ओर से थाई शाही परिवार का वंशज है। सिरिपैन्यो के पहले के जीवन के बारे में अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं हैं, पर उनका पालन-पोषण ब्रिटेन में उनकी 2 बहनों के साथ हुआ था और वह 8 भाषाएं बोल सकते हैं।

Show More

Leave a Reply

Back to top button