GUJARATHINDI NEWSTECHNOLOGY

गुजरात में शुरू होगा भारत का‌ पहला डोमेस्टिक माइक्रोचिप उत्पादन, 20 हज़ार नौकरियां उत्पन्न होने का अनुमान

Gujarat : भारत ने फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के अकॉर्डिंग, भारत ने अगस्त में अपने पहले सेमीकंडक्टर असेंबली प्लांट को शुरू करने की योजना बनाई है। भारत का लक्ष्य 2024 के अंत तक घरेलू माइक्रोचिप का उत्पादन करना है।

इनफार्मेशन एंड टेक्नोलॉजी मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने कहा कि अगले महीने गुजरात में 2.75 बिलियन डॉलर की चिप असेंबली और परीक्षण सुविधा का निर्माण होगा। उन्होंने कहा माइक्रोन की टेक्नोलॉजी में अब भारत अपनी किस्मत आजमाएगा। वहीं 5 सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट को अप्रूव भी कर दिया गया है।

जून में अमेरिका स्थित सेमीकंडक्टर माइक्रोन टेक्नोलॉजी ने 825 मिलियन डॉलर के निवेश के साथ गुजरात में एक नई असेंबली और परीक्षण सुविधा स्थापित करने की अपनी योजना की घोषणा की थी। यह डोमेस्टिक क और अंतरराष्ट्रीय बाजारों की मांग पूरी कर सकेगी और DRAM और MAM दोनों प्रोडक्ट्स के लिए असेंबली और परीक्षण विनिर्माण को सक्षम करेगी। इसका पहला स्टेज 2024 के अंत तक चालू होने वाला है और दूसरा चरण दशक के अंत तक शुरू होने की संभावना है।

इस टेक्नोलॉजी के आने से नौकरियों और रोजगार में भी इजाफा होगा। 5,000 डायरेक्ट नौकरियां और लगभग 15,000 सामुदायिक नौकरियां उत्पन्न होने का अनुमान लगाया गया है। वैष्णव का कहना है कि इंडिया को वर्ल्ड लेवल पर सबसे बड़े सेमीकंडक्टर हब के रूप में स्थापित करने का प्लान बनाया गया है।

उन्होंने कहा, “यह किसी भी देश के लिए नया उद्योग स्थापित करने का सबसे तेज़ तरीका है।” इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की महामारी-प्रेरित मांग में वृद्धि ने वैश्विक सेमीकंडक्टर संकट को जन्म दिया। महामारी के दौरान टेक्नोलॉजी का क्षेत्र नेगेटिव इंपैक्ट से बचा रहा और कंटीन्यूसली डेवलपमेंट होती रही।

पीएम मोदी ने इंडियन सेमीकंडक्टर स्टार्टअप्स में इन्वेस्टमेंट के लिए 1,200 करोड़ रुपये दिए हैं। इनमें राजीव चंद्रशेखर भारत स्मार्टफोन, बैटरी, इलेक्ट्रिक वाहन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स के उत्पादन में अपनी क्षमता स्थापित करने के आप टॉप मिशन पर है। माइक्रोन की गुजरात परियोजना देश को अपनी टेक्नोलॉजी विनिर्माण क्षेत्र को मजबूत करने की दिशा में बहुत लंबी उछाल और जरूरी छलांग देगी।

Show More

Leave a Reply

Back to top button