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National Doctors Day 2023 : जानें नेशनल डॉक्टर्स डे मनाने का इतिहास, पढ़े पूरी खबर

दिल्ली: वैसे तो ईश्वर कण – कण में है लेकिन अगर बात करे अगर धरती की तो वो दर्जा डॉक्टर्स को मिला है, जिसके चलते उनके सम्मान में 1 जुलाई को नेशनल डॉक्टर्स डे (National Doctors Day) के रूप में मनाया जाता है। इस दिन डॉक्टर्स को उनके द्वारा किए गए कार्यों की तारीफ के रूप में सम्मानित किया जाता है।

कोरोना काल में जिस तरह से डॉक्टर्स ने अपनी जान की परवाह ना करते हुए लोगों की जान बचाई वो अपने आप में काबिले तारीफ थे। यूं तो मौत कोई भी दे सकता है मगर मौत के मुंह से खींच लाए और एक नई जिंदगी दे वह सिर्फ डॉक्टर ही कर सकते हैं।

डॉक्टर्स डे मनाने का प्रचलन तब से शुरू हुआ?

1 जुलाई 1991 को पहली बार डॉक्टर्स डे को सेलिब्रेट किया गया था और उसके बाद हर साल इसी दिन को डॉक्टर्स डे के लिए समर्पित कर दिया गया। यह दिन पहली बार बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. बीसी रॉय के सम्मान में मनाया गया था। बीसी रॉय का नाम महान क्रांतिकारियों में गिना जाता है जिन्होंने स्वतंत्रता के लिए अपनी जी जान लगा दी थी और इसके साथ वह एक डॉक्टर भी थे। जिन्हें 4 फरवरी, 1961 को भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया था।

डॉ बीसी राय का जन्म 1 जुलाई 1882 में हुआ था इनका निधन भी 1 जुलाई, 1962 में हुआ था। इसलिए 1 जुलाई को डॉक्टर्स डे के रूप में मनाते हैं। हर बार नेशनल डॉक्टर्स डे मनाने की अलग-अलग थीम होती है। साल 2022 के लिए, राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस की थीम ‘फैमिली डॉक्टर्स ऑन द फ्रंट लाइन’ थी।

2023 में डॉक्टर्स डे का थीम

इस बार की थीम है “सेलिब्रेटिंग रेजिलिएंस एंड हीलिंग हैंड्स।” पेंडमिक में बिना रुके, बिना थके और बिना अपनी परवाह किए दिन रात दूसरों की सेवा में जुटे डॉक्टरों के सम्मान में ये थीम रखी गई है।

मनुष्य के जन्म से लेकर मृत्यु तक उनके सुरक्षा के हर पड़ाव में डॉक्टर्स का योगदान रहता है।मनुष्य के जन्म के समय में भी एक डॉक्टर ही होता है जो उसे इस दुनिया में लाता है।

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