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नेहरू मेमोरियल म्यूजियम अब कहलाएगा PM संग्रहालय, जानें क्यों बदला गया नाम

ई दिल्ली: 77वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर नेहरू मेमोरियल लाइब्रेरी के नाम परिवर्तन पर मुहर लग गई। अब इसका नाम आधिकारिक रूप से बदलकर पीएम म्यूजियम एंड लाइब्रेरी कर दिया गया है। आपको बता दें कि नृपेंद्र मिश्रा पीएम म्यूजियम एंड लाइब्रेरी की कार्यकारी परिषद के अध्यक्ष हैं। नृपेंद्र मिश्रा इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी के मुख्य सचिव थे।

नाम बदलने का फैसला क्यों लिया गया?

पहले नई दिल्ली में तीन मूर्ति भवन के पास भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का आधिकारिक आवास हुआ करता था। बाद में इस परिसर को संग्रहालय में बदल दिया गया और नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी की स्थापना की गई। सभी प्रधानमंत्रियों का संग्रहालय होने की वजह से कार्यकारी परिषद ने महसूस किया था कि इसके नाम में वर्तमान स्वरूप की झलक दिखनी चाहिए। इसी वजह से बीते जून की बैठक में नाम बदलने का फैसला हुआ।

जून में लिया गया था नाम बदलने का फैसला

जून 2023 में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई एक विशेष बैठक में नेहरू स्मारक संग्रहालय का नाम बदलने का फैसला लिया गया था। मीडिया से बातचीत में ए सूर्य प्रकाश ने बताया कि नाम बदलने की प्रक्रिया जून में शुरू हुई थी और ये मात्र संयोग है कि स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर यह काम पूरा हुआ।

नाम बदलने को लेकर छिड़ा राजनीतिक संग्राम

नाम बदलने के इस फैसले से नाखुश होकर कांग्रेस के नेताओं ने सियासी बयानबाजी का सिलसिला शुरू कर दिया। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा था जिनका कोई इतिहास नहीं है, वे दूसरों का इतिहास मिटाने चले हैं। नाम बदलने से पूर्व प्रधानमंत्री की शख्सियत को कम नहीं किया जा सकता है।

मल्लिकार्जुन के इस बयान का जवाब देते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा था कि कांग्रेस एक साधारण तथ्य स्वीकार नहीं कर पा रही है कि इस देश के लिए एक वंश के अलावा दूसरे नेताओं ने भी देश की सेवा और उसका निर्माण किया है। उन्होंने ट्वीट किया था कि प्रधानमंत्री संग्रहालय राजनीति से परे एक प्रयास है और कांग्रेस के पास इसका अहसास करने के लिए दृष्टि की कमी है।

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