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चंद्रयान-3 पांचवी कक्षा में पहुंचने के बाद, लैंडर आज प्रोपल्शन से होगा अलग

नई दिल्ली: चंद्रयान-3 के लैंडिंग के समय को लेकर लोगों में बेसब्री बढ़ती जा रही है। 23 अगस्‍त को भारत का स्‍पेसक्राफ्ट चंद्रयान-3 चांद के साउथ पोल पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। चांद की इस यात्रा में चंद्रयान आज 17 अगस्‍त गुरुवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (ISRO) चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन मॉड्यूल को लैंडर और रोवर से अलग करेगा। यानी आज से प्रोपल्‍शन मॉड्यूल और लैंडर अपनी अलग-अलग यात्रा तय करेंगे।

प्रोपल्शन मॉड्यूल चंद्रमा की कक्षा में 3-6 महीने रहकर धरती से आने वाले रेडिएशन्स का स्टडी करेगा जबकि लैंडर-रोवर 23 अगस्त को शाम 5:47 बजे चंद्रमा की सतह पर उतरेंगे। यहां वो 14 दिन तक पानी की खोज सहित अन्य प्रयोग करेंगे।

अभी चंद्रयान ऐसी गोलाकार कक्षा में घूम रहा है। जिसमें उसकी चंद्रमा से सबसे कम दूरी 153 Km और सबसे ज्यादा दूरी 163 किलोमीटर है। इसरो के वैज्ञानिकों ने 16 अगस्त को सुबह करीब 08:30 बजे यान के थ्रस्टर कुछ देर के लिए फायर किए थे। इसके बाद चंद्रयान 153 Km X 163 Km की करीब-करीब गोलाकार कक्षा में आ गया था।

प्रोपल्शन से अलग होने के बाद लैंडर को डीबूस्ट किया जाएगा। उसकी स्पीड स्लो की जाएगी। यहां से चंद्रमा की न्यूनतम दूरी 30 किमी रह जाएगी। सबसे कम दूरी से ही 23 अगस्त को चंद्रयान की सॉफ्ट लैंडिंग की कोशिश की जाएगी।

लैंडर को 30 किमी की ऊंचाई से चंद्रमा की सतह पर लैंड कराने तक का यह प्रोसीजर बहुत इंपॉर्टेंट होगा। उसे परिक्रमा करते हुए 90 डिग्री के कोण पर चंद्रमा की तरफ चलना शुरू करना होगा। लैंडिंग की प्रक्रिया की शुरुआत में चंद्रयान-3 की रफ्तार करीब 1.68 किमी प्रति सेकंड होगी। इसे थ्रस्टर की मदद से कम करते हुए सरफेस पर सुरक्षित उतारा जाएगा।

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